रानीतराई 18 सितंबर : देश भर में आज से पितृपक्ष आरंभ हो गया है। पूर्वजों ने हमारे लिए बहुत कुछ छोड़ कर गए हैं जिसका आज हम उपयोग कर रहे हैं। लाभ ले रहे है। आनंद और शांति का अनुभव कर रहे है। जो हमारे लिए गौरव का क्षण है। आइए आज हम आपको एक ऐसे पूर्वज के बारे में बताएंगे जो पाटन ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम कौही के निवासी और आनंद मठ मंदिर कौही के संस्थापक है श्री श्री 108 स्वामी मोहनानंद जी।
आपको बता दें स्वामी जी के द्वारा आनंद मठ मंदिर का निर्माण अपने भूमि दान करके किया है। जहां आज सर्व समाज की मंदिर स्थापित है। इस पूर्वज ने आनंदमठ मंदिर की स्थापना कर सर्व समाज के आस्था को एक ही परिसर में विराजमान किया है। जो आज एक पर्यटन स्थल के रूप में परिवर्तित हो रहा है। खारू नदी के तट में बसे आदर्श ग्राम कौही जहां स्थिति है आनंद मठ मंदिर।
वर्तमान में श्री महाकाली एवं श्री हनुमान मंदिर परिषद के सदस्यों के द्वारा बेहतर रूप से संचालित किया जा रहा है। दिनों दिन यहां पर प्रगति दिख रही है। यहां पर महाकाली के भव्य मंदिर है। “मां काली” को हमारे पूर्वज ने जल मार्ग से लेकर कलकत्ता से लाए हैं। वहीं मंदिर की पुजारी को सपना देकर “स्वंभू भोलेनाथ” भी प्रकट हुए हैं जो आज विशाल रूप ले लिया है। स्वामी परमानंद गोस्वामी लंबे समय तक मंदिर के पुजारी रहे।
मंदिर प्रांगण में एक बौली है जिसका सौंदर्य करण शासन के द्वारा किया गया है। जिसका अलग पहचान है कहानी मां काली के जोत जंवारा इसी कुंड में विसर्जन किया जाता है। आनंद मठ मंदिर के हम आपको जितनी भी बाते बताएं वह काम है। मंदिर के अंदर शासन प्रशासन ने भी विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा मंदिर प्रांगण के अंदर रेस्ट हाउस से लेकर सर्व सुविधायुक्त भवन एवं सभी मंदिरों में दर्शन करने जाने के लिए सीसी रोड का निर्माण भी कराया गया है। खारु नदी के तट पर बसे इस ग्राम के आनंद मठ मंदिर में साल में दो बार मेला का आयोजन होता है। महाशिवरात्रि में भव्य मेला का आयोजन तीन दिनों तक रहता है। वही सावन मेला में महाकाल के दर्शन के लिए महीने भर लोग आते जाते रहते हैं। और आखिरी सावन सोमवार को भव्य मेला का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार साल भर में दोनों नवरात्रि में चैत्र और शारदीय नवरात्रि में महाकाली के दरबार में सैकड़ो जोत मनोकामना प्रज्वलित होते हैं।
स्वामी मोहन आनंद जी के योगदान से आज आनंद मठ मंदिर प्रांगण में सर्व समाज के मंदिर स्थापित है जो हमारे ग्राम पंचायत कौही की पहचान है। धार्मिक स्थल के नाम से ग्राम को पहचान मिली।जो ग्रामवासियों के लिए गौरव का विषय है।ऐसे पूर्वज को शत शत नमन विनम्र श्रद्धांजलि पाटन के गोठ रिपोर्टर करन साहू की ओर से।