रानीतराई 03 दिसंबर : ग्राम डिड़गा में दाऊ राधेरमण चंद्राकर के निवास में पौत्र शिवांश चन्द्राकर के प्रथम जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित भागवत महापुराण की कथा में सातवें दिवस कथावाचक संत पवन दीवान की शिष्य श्री त्रिभुवन महराज जी(गरियाबंद) ने कहा कि रामायण में साक्षत श्रीराम और भागवत गीता में साक्षत श्रीकृष्ण विराजमान है आगे कहा कि नासा के वैज्ञानिकों ने समुद्र तल पर आज द्वारिका नगरी को खोज कर निकाला है जो श्रीकृष्ण की पुष्टि का प्रमाण है इसलिये ईश्वर पर संसय ना करें विश्वास करें, महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पत्नी को कभी भी अपना पति का नाम नहीं लेना चाहिए क्योंकि पति साक्षात महादेव का रूप है ।
मोक्ष प्राप्ति के लिए सबसे सरल युक्ति अन्य युग के अपेक्षा कलयुग में है जो भक्ति के माध्यम से ईश्वर की प्राप्ति हो जाता है कथा के अंतिम दिवस परीक्षत मोक्ष कथा और भगवान परमधाम गमन कथा रसपान कराया एवं अंत में तुलसी वर्षा तथा चढ़ोतरी हुआ कथा सुनने अधिक संख्या आसपास के और ग्रामीण तथा ग्रामजन उपस्थित थे ।