रानीतराई 26 अक्टूबर : स्व. दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई में ”अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस” कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ. आलोक शुक्ला के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम की शुभारंभ स्वामी विवेकानंद तथा सरस्वती माता के चित्रों पर पुष्पार्पण, दीप प्रज्वलन तथा सरस्वती वंदन से हुआ । प्रथम सत्र में व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम प्रभारी सुश्री रेणुका वर्मा के द्वारा संचालन किया गया। कार्यक्रम प्रभारी सुश्री रेणुका वर्मा ने कहा-दुनिया भर में वृद्ध जनों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, भेदभाव, उपेक्षा और अन्य को रोका जा सके इस हेतु लोगों के अंदर जागरूकता लाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाया जाने के पीछे एक उद्देश्य यह भी है कि वृद्ध जनों के प्रति सामाजिक व्यवहार बेहतर हो सके।
डॉ.दीपा बाईन ने कहा-वृद्ध जनो तथा वर्तमान पीढ़ी के बीच वैचारिक अंतराल भी समस्या के रूप में सामने आया है। दोनों का ही सोचने का अपना अलग नजरिया है। ऐसे में कई बार यह लोग पारिवारिक रूप से उपेक्षित भी महसूस करते हैं। ऐसे संवेदनशील विषयों पर गंभीरता से विचार करने पर समाधान निकालने की कोशिश करनी होगी।
वरिष्ठ प्राध्यापक श्री चंदन गोस्वामी ने कहा- अंतरराष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस मनाने की शुरुआत 1990 में की गई। इस समय बुजुर्गों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार और अन्याय को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 14 दिसंबर 1990 को यह निर्णय लिया गया। अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने का उद्देश्य मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना तथा वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए वृद्ध व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धताओं को संगठित करना है।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में वृद्ध जनों पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक कार्यक्रम का उद्देश्य वृद्ध जन समाज, घर, परिवार पर उपेक्षित हो रहे हैं। इस विषय पर समाज को ध्यान आकर्षित कराना। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के बीए प्रथम सेमेस्टर से मुस्कान साहू, मानसी निषाद, मिनाक्षी साहू, विनीति सिन्हा, रोशनी साहू बीए भाग द्वितीय वर्ष से मैना ठाकुर, चांदनी निषाद बीएस सी भाग तृतीय से लक्ष्मी सिन्हा ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त सहायक प्राध्यापक डॉ. रेश्मी महिश्वर,
सुश्री भारती गायकवाड, श्रीमती शगुफ्ता सिद्दीकी, श्रीमती अंबिका ठाकुर बर्मन, श्रीमती आराधना देवांगन, व्याख्याता में श्री टिकेश्वर कुमार पाटिल, सुश्री शिखा मढ़रिया, श्री दानेश्वर प्रसाद, कार्यालय कर्मचारी मे सुश्री सीमा वर्मा, प्रियेश, निर्मला एवं महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राए अधिक संख्या में उपस्थित थे।