अम्लेश्वर 03 अक्तूबर : महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सांकरा- पाटन के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना एवं आई डी बी आई बैंक के संयुक्त तत्वाधान में “स्वच्छता ही सेवा” कार्यक्रम का आयोजन उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय सांकरा में 02 अक्तूबर को किया गया।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों एवं समाज के बीच स्वच्छता रूपी सेवा के बारे में जागरूकता पैदा करना और स्वच्छता की उपयोगिता बताना था ।स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता के थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज प्रांगण से ग्राम – सांकरा में स्वच्छता जागरूकता रैली निकालकर किया गया। आई डी बी आई बैंक के कर्मचारियों, महाविद्यालय के अधिकारी गण एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने जागरूकता रैली निकाल कर ग्राम वासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किये एवं ग्राम वासियों को अपने गांव को स्वच्छ बनाये रखने के लिए शपथ दिलाये ,सभी ने स्थानीय पंचायत भवन एवं मंदिर प्रांगण के आस-पास की गन्दगी को जनभागीदारी के साथ मिलकर साफ सफाई किए, साफ़ करके वहाँ पर फिर से गन्दगी ना होने देने का गाँव वालों से आश्वासन लिया। गाँव के नागरिक भी इसमें शामिल हुए।इसके बाद, महाविद्यालय परिसर में ब्लैक स्पॉट जगह की साफ सफाई कर वहां वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया
कार्यक्रम के अगले चरण में “स्वच्छता ही सेवा” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। इसका आयोजन महाविद्यालय के सभागार में हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ अमित दीक्षित ने की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आईडीबीआई बैंक रायपुर के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रमुख श्री आशीष त्रिपाठी जी उपस्थित थे, विशिष्ट अतिथि के रूप में आईडीबीआई बैंक के सहायक महाप्रबंधक श्री संपद मिश्रा जी उपस्थित थे.कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर गागेंद्र सिंह राजपूत के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया,प्रतियोगिता के अंत में प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट भागीदारी के आधार पर पुरस्कार वितरण किया गया, स्वच्छता कार्य में लगे महाविद्यालय के स्वच्छता कर्मियों को सम्मान किया गया, कार्यक्रम के अंत में डॉ राजपूत द्वारा सभी को स्वच्छता शपथ दिलाया गया, कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिकारीगण,कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राओं का विशेष योगदान रहा।