करन साहू,अम्लेश्वर 02 अगस्त : दुर्ग जिला अंतर्गत पाटन से रायपुर रोड जहां जगह-जगह आवारा मवेशियों का जमावड़ा लग रहता है आपको बता दें मोतीपुर से मोतीपुर चौक से अमलेश्वर चौक तक रोड पर खड़े या बैठे मिलेंगे आवारा मवेशी वही रोड के आधे हिस्से में बिल्डिंग मटेरियल रखने का भी मामला सामने आया है। आधे रोड पर रेत का भंडारण किया गया है ,जो मोतीपुर चौक के आसपास है। मोतीपुर चौक एक डेंजर जोन में आता है और वहां पर आवारा पशुओं का बैठना और उसी के आसपास रेट का डंप होना भी दुर्घटना होने की संभावना को बढ़ता है।
16 जुलाई को दुर्ग कलेक्टर के द्वारा निर्देशित किया गया था कि आवारा मवेशियों को व्यवस्थापन किया जाए और मवेशी मालिक की जानकारी लेकर उन्हें सौंपा जाए। यदि वह नहीं माने तो उस पर चालानी कार्रवाई की जाए या फिर पशुओं की नीलामी किया जाए लेकिन इस दिशा में अभी तक ऐसा कोई मामला कार्रवाई का सामने नहीं आया। लिहाजा आज भी सड़कों पर आवारा मवेशी सड़क पर बैठे नजर आएंगे। चाहे वह जी ई रोड हो या फिर पाटन से अम्लेश्वर रायपुर तक की रोड हो हर जगह आपको आवारा मवेशी बैठे नजर आएंगे। वहीं अमलेश्वर में रायपुर रोड पर थाना के जस्ट आगे पशुपालक के द्वारा द्वारा रोड पर बांधा जाता है अपने पशुओं को जिस पर भी स्थानीय प्रशासन के द्वारा अभी तक कोई उचित कार्रवाई नहीं किया गया है। इन सभी कारणों के वजह से आम नागरिकों को आवागमन में कितनी परेशानी हो रही है इसका प्रशासन को कोई लेना-देना नहीं है ऐसा प्रतीत होता है।
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने के सात माह बाद भी आवारा पशुओं की अभी तक किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं होना भी समझ से परे है। वहीं यदि हम ब्लॉक के गठानों की बात करें तो कोई भी गौठान पर चारा पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। जिससे स्थानीय प्रशासन आवारा पशुओं को रोका छेका कर गौठान में भी ले जाकर नहीं रख सकते। इसलिए शायद स्थानीय प्रशासन आवारा पशुओं की व्यवस्थापन पर रुचि नहीं ले रहा है। वही हम मुख्य मार्ग से अंदर के रोड के तरफ जाए तो पूरा रोड आवारा पशुओं से पेक रहता है ऐसा लगता है हम गौठान में आ गए क्या। छत्तीसगढ़ शासन को उचित कदम उठाकर आवारा मवेशियों के रखरखाव पर ध्यान देना चाहिए जिससे रोड पर आने जाने वाले लोगों को परेशानियों से मुक्ति मिल सके।