सेलुद 27 नवंबर : शासकीय प्राथमिक शाला मटंग में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का आयोजन किया गया । सभी उपस्थित लोगों को बाल विवाह रोकने के लिए प्रयास करने के लिए शपथ दिलाया गया ।जिसमें शाला प्रागंण में बच्चों व ग्रामीणों को पंचायत सचिव श्रीमती दीप्ति चंद्राकर ने बताया कि बाल विवाह न केवल एक पुरानी सामाजिक बुराई है, बल्कि यह एक जघन्य अपराध भी है जो बच्चों से उनका बचपन छीन लेता है।
बाल विवाह “बच्चों के खिलाफ अपराध” है जो बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है, नाबालिग लड़कियों को शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है और उन्हें मानसिक आघात, शारीरिक और जैविक तनाव, शिक्षा तक सीमित पहुँच सहित घरेलू हिंसा और घरेलू हिंसा के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता का जीवन जीना पड़ता है। ग्राम पंचायत मटंग की सरपंच श्रीमती डेगेश्वरी वर्मा ने कहा कि बाल विवाह के परिणाम गंभीर और व्यापक हैं। कुछ विशिष्ट परिणामों में शामिल हैं: समय से पहले गर्भधारण से जटिलताएँ और मातृ मृत्यु दर और शिशुओं की मृत्यु दर में वृद्धि, शिशु और माँ दोनों में कुपोषण, प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता, लड़की की शिक्षा में व्यवधान और उसके व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के अवसरों में कमी, घरेलू हिंसा और दुर्व्यवहार, घर में निर्णय लेने की सीमित शक्ति और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ।
प्रधानपाठक महेन्द्र कुमार मिथलेश ने कहा कि भारत की जनगणना 2011 से पता चला है कि 12 मिलियन बच्चों की शादी कानूनी उम्र प्राप्त करने से पहले कर दी गई थी, जिनमें से 5.2 मिलियन लड़कियाँ थीं। वैश्विक स्तर पर, बाल विवाह को एक अपराध और एक खतरे के रूप में पहचाना जाता है जिसे समाप्त करने की आवश्यकता है। इसे संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों में लक्ष्य 5 के लक्ष्य 5.3 के तहत जगह मिली है, जिसमें 2025 तक बाल, कम उम्र और जबरन विवाह और महिला जननांग विकृति जैसी सभी हानिकारक प्रथाओं को समाप्त करने की जरुरत है।
इस अवसर पर सरपंच श्रीमती डेगेश्वरी वर्मा प्रधानपाठक महेन्द्र कुमार मिथलेश सचिव श्रीमती दीप्ति चंद्राकर शिक्षक बलराम वर्मा धरोहर टोडर रोजगार सहायक वेदराम बारले उमेश्वरी साहू गंगोत्री वर्मा चाँदनी साहू छन्नी कोसरे खोरबाहरा साहूः संतोषी वर्मा सरस्वती वर्मा तामेश्वरी अग्रवाल उपस्थित थे ।