रानीतराई 29 नवंबर : स्व. दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई में महिला उत्पीड़न समिति के तत्वावधान में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का आयोजन प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार मिश्रा के निर्देशन में किया गया। प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार मिश्रा के द्वारा बाल विवाह न करने का शपथ दिलाया गया, महाविद्यालय के समस्त सहायक प्राध्यापक, अतिथि व्याख्याता, कार्यालय कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं बाल विवाह न करने का, न कराने का शपथ लिया।महिला उत्पीड़न समिति की प्रभारी सुश्री भारती गायकवाड़ ने कार्यक्रम मंच संचालन करते हुए बाल विवाह के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमति ममता साहू महिला एवं बाल विकास सेक्टर सुपरवाइजर एवं साथी उपस्थित थे। मुख्य अतिथि ममता साहू ने छात्र-छात्राओं को संबोधित कर कहा- बाल विवाह लड़का के लिए निर्धारित आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष है। समाज में जो बुराइयां प्रचलित है ,उसको दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
बाल विवाह के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह, बचपन खत्म कर देता है। बाल विवाह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। बाल विवाह का सीधा असर न केवल लड़कियों पर, बल्कि उनके परिवार और समुदाय पर भी होता हैं। जिस लड़की की शादी कम उम्र में हो जाती है, उसके स्कूल से निकल जाने की संभावना बढ़ जाती है तथा उसके कमाने और समुदाय में योगदान देने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए हम सब को भारत को बाल विवाह मुक्त करने में अपना योगदान देना है।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय से वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ. आलोक शुक्ला, श्री चंदन गोस्वामी, श्रीमती शगुफ्ता सिद्दीकी, श्रीमती आराधना देवांगन, अतिथि व्याख्याता में टीकेश्वर कुमार पाटिल, सुश्री शिखा मड़रिया, डॉ. दीपा बाईन, श्री दानेश्वर प्रसाद, कार्यालय कर्मचारी में श्री नरेश मेश्राम, श्रीमती महेश्वरी निषाद, श्री प्रियेश, श्रीमती निर्मला एवं महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं अधिक संख्या में उपस्थित थे।