सेलुद 03 जुलाई : जनपद पंचायत पाटन क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सेलूद के लगभग सैकड़ो किसानो के द्वारा अपने निजी भूमि जो कि लगभग एक सौ अस्सी एकड़ को प्रशासन के आदेशानुसार शामिलात चारागान हेतु दान किए है। जो कि भारतीय कानून व्यवस्था के तहत उस जमीन को जानवरो के चारा (भोजन) के लिए आरक्षित किया गया था।
उपरोक्त शामिलात चारागान की जमीन पर अनेकों लोगो के द्वारा अवैध रूप से आवास एवं दुकान बनाकर कब्जा कर लिया गया है। जिसे रोकने के लिए कई बार प्रशानिक रूप से प्रयास किया जा चुका है। किन्तु अवैध कब्जा रुकने के बजाय दिन प्रतिदिन और बढ़ते जा रहा है। जिस प्रकार से शामिलात चारागान की भूमि पर अवैध कब्जाधारियों का हौसला बुलंद होते जा रहा है उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक समय के बाद पूरा एक सौ अस्सी एकड़ भूमि पर अवैध कब्जाधारियों का कब्जा हो जाएगा और जिस उद्देश्य के लिए प्रशासन ने किसानो से जमीन लिए थे वह उद्देश्य निरर्थक हो जाएगा। चूंकि उक्त शामिलात चारागाह भूमि में सेलूद के वर्तमान किसानों के पूर्वजो के द्वारा भी चारागाह के लिए भूमि प्रदान किए है। इसलिए सभी पूर्वजो की भूमि को वर्तमान वारिस को वापस किया जाय ।
जानकारी के अनुसार शामिलात चारागाह की भूमि का सर्वाधिकार जिलाधीश के पास होता है किन्तु माननीय जिलाधीश के द्वारा भी अभी तक अवैध कब्जाधारियों से शामिलात चारागान की भूमि को मुक्त नहीं करा पाई है। अवैध कब्जाधारियों को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त होते रहता है, इसलिए हौसले बुलंद है। जो भी स्तर के जनप्रतिनिधि राजनीतिक रूप से संरक्षणकर्ता पाये जाने की स्थिति में उन पर भी भारतीय न्याय सहिता के अनुसार कड़ी कार्यवाही किया जाय । वापस की गई भूमि की किसान स्वयं सुरक्षा कर सके और अवैध कबजाधारियों से बचाकर सुरक्षित रख सके। जानवरो के लिए आरक्षित भूमि को जल्द से जल्द अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराकर मूल किसानो को वापस किया जाय एवं सभी कब्जाधारियों के ऊपर जुर्माना के साथ साथ दंडनात्मक कार्यवाही किया जाय। कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में माननीय न्यायालय की शरण मे जाने को सभी किसान मजबूर होंगे। उक्त अवसर पर भूमिदान किसान दाऊ महेश्वर बंछोर, सुरेंद्र बंछोर, टॉमन लाल साहू, तारेंद्र बंछोर उपस्थित रहे। उक्त जानकारी खेम लाल साहू मंडल अध्यक्ष मद्य पाटन ने शेयर की है।