शंकर नगर कुम्हारी की घटना पुलिस ने दोनों आरोपितों को लिया हिरासत में। आरोपितों ने बच्चे को इतनी बेरहमी से पीटा कि फट गईं अतड़ियां, दर्द बढ़ने पर ले गए थे अस्पताल।
कुम्हारी । एक महिला ने अपने दूसरे पति के साथ मिलकर अपने ही चार साल के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया। आरोपितों ने 31 जनवरी की रात को बच्चे को लात और मुक्के से बेदम पीटा जिससे उसके पेट में गंभीर चोट लगने से उसकी अतड़ियां फट गईं। अगले दिन रात में बच्चे के पेट में तेज दर्द उठा तो उसे अस्पताल ले गए, जहां बच्चे की मौत हो गई।
दोनों आरोपित बच्चे के अंतिम संस्कार की तैयारी में थे। तभी पड़ोसियों को बच्चे के मौत की खबर लगी तो उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने बच्चे का पोस्टमार्टम करवाया और आरोपितों को हिरासत में लिया। आरोपितों के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छिपाने की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस ने बताया कि आरोपित मनप्रीत सिंह (26 वर्ष) करीब आठ महीने पहले गायत्री साहू (28 वर्ष) को अपनी पत्नी बनाकर गैंग खोली कुम्हारी में सन्नी सरदार के घर पर किराये पर रहने आया था। उसके साथ गायत्री का चार वर्षीय बेटा जगदीप सिंह और आठ साल की बेटी अर्पिता कौर थे। आरोपित मनदीप सिंह घरपर रोजाना मारपीट करता रहता था।
शिकायतकर्ता हरिनाथ यादव व उसके मोहल्ले वालों ने पुलिस को जानकारी दी कि आरोपित मनप्रीत सिंह रोजाना बच्चे जगदीप सिंह से मारपीट करता था। ढाई महीने पहले उसने बच्चे के गले में रस्सी बांधकर उसे लटका दिया था। मोहल्ले वालों ने उसे ऐसा करते देखा तो वे लोग उसकी तरफ भागे तो आरोपित मनप्रीत सिंह बच्चे को जमीन पर पटककर भाग गया था। मोहल्ले वालों ने फौरन उसके गले से फंदा खोल रस्सी निकाली।
इन्हीं कारणों से उसके मकान मालिक सन्नी सरदार ने अपना मकान खाली करवा दिया था। इसके बाद वे लोग शंकर नगर कुम्हारी में किराये पर रहने के लिए चले गए थे। वहां जाने के बाद भी आरोपित मनप्रीत सिंह जगदीप सिंह से मारपीट करता था। 31 जनवरी की रात को आरोपित मनप्रीत सिंह और गायत्री साहू ने जगदीप को
फांसी लगाने की कोशिश की थी पड़ोसी हरिनाथ यादव ने रस्सी का फंदा खोला और किसी तरह से उसकी जान बचाई। मोहल्ले वालों ने पुलिस को ये भी बताया कि 10 दिन पहले आरोपित मनप्रीत सिंह ने बच्चे के मुंह पर मुक्का मार दिया था। इससे उसका होठ फट गया था। मोहल्ले वालों ने पुलिस को जानकारी दी कि आरोपित मनप्रीत सिंह बच्चे से बहुत ही ज्यादा क्रूरतापूर्ण व्यवहार करता था। वह उसे रोजाना मारता पीटता था।
लोगों ने उन्हें समझाया और बच्चे को मारने के लिए मना किया। अगले दिन एक फरवरी को बच्चे के पेट में तेज दर्द हुआ। इसके बाद आरोपित उसे अस्पताल ले गए, जहां बच्चे की मौत हो गई। वहां से बच्चे के शव को वापस लाने के बाद आरोपित उसके अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे हुए थे। उसके पड़ोसी हरिनाथ को इसकी जानकारी हुई तो उसने पुलिस को खबर कर दी।
इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया तो पता चला कि मारपीट के चलते बच्चे की अतड़ियां फट गई थीं, जिसके चलते उसकी मौत हुई है।