राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया नियंत्रण एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर अरसनारा में दवाई खाकर दिया जागरूकता संदेश
पाटन विधानसभा के ग्राम अरसनारा में आज 10 अगस्त 2023 को राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया नियंत्रण एवं राष्ट्रीय कृमि दिवस पर जन जागरूकता अभियान के तहत ग्रामीणजनों को हेल्थ एवं वेलनेश सेंटर उपस्वास्थ्य केंद्र अरसनारा में दवाई खिलाया गया। विद्यालय मे अध्ययनरत छात्र छात्राओं को शाला प्रांगण में स्वास्थ्य अमला की उपस्थति में दवाई खिलाया गया। आंगनबाड़ी में अध्ययनरत बच्चों को आंगनबाड़ी में ही पंचायत प्रतिनिधि सरपंच हरिशंकर साहू, उपसरपंच अजीता साहू एवं पंचगणों, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों , पंचायत विभाग के कर्मचरियों, शिक्षा विभाग से शिक्षकों, मितानीन व आशा दीदी, स्वच्छता समिति के सदस्यों, शाला प्रबंधन समिति के सदस्यो, स्वच्छाग्राही महिलाओं एवं वरिष्ठ ग्रामीणों की उपस्थिति में फ़ाइलेरिया (हांथीपाँव) एवं कृमि की दवाई स्वयं खाया गया एवं ग्रामीणों व बच्चों को भी खिलाया गया। इस अवसर पर सरपंच हरिशंकर साहू ने कहा कि फ़ाइलेरिया दुनिया भर में विकलांगता और विरुपता बढ़ाने वाला सबसे बड़ा रोग है। यह एक पैरसाइड डिजिट है, जो की धागे के समान दिखने वाले निमेटोड कीड़े की शरीर में प्रवेश होने से होता है। यह निमेटोड कीड़े परजीवी मच्छरों एवं खून चूसने वाले कीटों के काटने से इंसान के शरीर मे प्रवेश करता है । फ़ाइलेरिया को फिलपाँव के नाम से भी जाना जाता है। हमारे भारत देश में इसे सामान्य तौर पर हांथीपाँव के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस रोग में व्यक्ति का पाँव हांथी के पाँव की तरह सूजन हो जाता है। भारत सरकार के भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों हेतु मुफ्त उपचार प्रदान किया जा रहा है। हांथीपाँव रोग बहुत गंभीर रोग है, क्योंकि जिनको यह रोग हो गया उनका पूर्णतः उपचार हो सके इसका इलाज संभव नहीं है। उनको रोकथाम करने और आगे न फैले इस हेतु इलाज किया जाता है। अतः यह हांथीपाँव हमको न हो इसलिए हमें शासन द्वारा प्राप्त दवाई का सेवन अनिवार्य रूप करना चाहिए , जिससे हम सब उक्त रोग से बचाव व सुरक्षित रह सकें। इस रोग के वजह से व्यक्ति के पाँव काफी कुरूप हो जाते हैं, जिसके कारण से व्यक्ति को शाररिक व मानसिक रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रोगी समाज से कटना शुरु हो जाता है और लोगों से मिलना जुलना बंद कर देता है। क्योकि लोग उन्हे तिष्कार भाव से व्यवहार करते हैँ। अतः यह जन जागरूकता अभियान के तहत ग्रामीणों को दवाई खाने व रोगी व्यक्तिओं से परस्पर सम्पर्क बनाकर उचित मार्गदर्शन प्रदान करने अपील किया गया। कृमि से मुक्ति हेतु एल्बेंडाजोल की दवाई एक से दो वर्ष के बच्चों को आधा दवाई एवं दो वर्ष से अधिक होने पर एक गोली खिलाया जाना है। फ़ाइलेरिया नियंत्रण हेतु डीईसी की दवाई अलग अलग उम्र में अलग अलग खुराक देना है जैसे दो वर्ष से पांच वर्ष तक एक गोली, पांच वर्ष से चौदह वर्ष तक दो गोली एवं चौदह वर्ष से अधिक होने पर तीन गोली खिलाना है, जिसमें प्रत्येक गोली सौ एम जी का है। इस अवसर पर ग्राम के सरपंच हरिशंकर साहू, उपसरपंच अजीता साहू, पंचगण किशन साहू, विनोद यादव, राजूलाल साहू, नरेन्द्र साहू आरएचओ , जयश्री धुरंधर आरएचओ, वीणा साहू सीएचओ, शिक्षकगण डी आर वर्मा, डी एस मानकुर, कमलेश सिंगौर, डी एस बंजारे, योगेंद्र साहू,रेणुका वर्मा, मीनू कन्नौजे, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वय गीता वर्मा, चुलिका मानिकपुरी, सहायिका द्वय राधिका यादव, पूर्णिमा वैष्णव, मितानीन बुधवंतिन साहू, कमला वर्मा,सावित्री साहू,फुलेश्वरी वर्मा, रुखमणि यादव,बैसाखू साहू, अर्जुन हिरवानी, महेंद्र वर्मा, तेजराम ठाकुर,अरुण साहू, नोहर साहू,भूपेंद्र,ठाकुरराम वर्मा, बलदाऊ प्रसाद वर्मा,नरेंद्र वर्मा, नेमीचंद साहू,विक्रम साहू, ओमप्यारी वर्मा, सोहद्रा वर्मा, दामिनी साहू, मीनाक्षी पटेल,रामेश्वरी साहू, सुषमा वर्मा, इंदिरा विश्वकर्मा, सत्यभामा साहू, भुनेश्वरी साहू, परनिया यादव,योगेश्वरी वर्मा, रुखमणि साहू, अस्तला मानिकपुरी, केंवरा ठाकुर,कुंती साहू सहित ग्रामीणजन उपस्थित होकर इस अभियान मे जुड़ा।