पाटन: पाटन विधानसभा अंतर्गत नगर पालिका परिषद कुम्हारी के वार्ड कुकदा के निवासी परसराम साहू सेवानिवृत शिक्षक एवं प्रकृति के प्रेमी समाज सेवक के रोचक कहानी पढ़िए उन्हीं की जुबानी ।
सतपुड़ा की वादियों में पेज नदी के उदगम स्थल नदी किनारे डुंगरिया जिला छिंदवाड़ा म.प्र.में 5अगस्त 1958 को जन्म हुआ। बचपन से ही प्रकृति प्रेमी एवं शिक्षक बनने की लालसा थी।
अंततः अक्टूबर 1983को शिक्षकीय जीवन की शुरुआत हुई। चित्रकला, पर्यावरण संरक्षण, रेडियो सुनना, पत्र लिखना, पर्यटन,पत्थर एवं रत्न संग्रह,बच्चों के शैक्षिक स्तर हेतु नवाचार,दिवयांग बच्चों की सेवा तथा व्यावसायिक शिक्षा पर लगातार समर्पित रहना।
शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु 2014में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया गया।5अक्टूबर 2015 को मुंबई में Global teacher role model award 2015 प्राप्त हुआ।
शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों में अनेक संस्थाओं द्वारा भी सम्मान मिला।आज भी सेवानिवृत्ति पश्चात् स्कूलों में अपना समय देते हैं।दिव्यांग बच्चों के साथ ही नये साल की शुरुआत उन्हें उपहार, वस्त्र आदि वितरित कर मनाते हैं।
पर्यावरण संरक्षण, औषधीय पौधे, रूद्राक्ष,चंदन, कपूर,अनेक फलदार वृक्ष एवं फूलों के पौधे अपने पारस होम में लगा रखे हैं। रेडियो सिने साहित्य एवं ज्ञानवर्धक पुस्तकों की लाइब्रेरी है।
शिक्षा के साथ साथ समाजसेवा के क्षेत्र में सदैव तत्पर रहते हैं आपने एम्स रायपुर में अपना देहदान एवं नेत्रदान का संकल्प लिया है।ताकि मरणोपरांत भी उनका शरीर देश के भावी डॉक्टरों की शिक्षा के काम आ सके। स्वयं के साथ साथ पांच मित्रों को भी देहदान संकल्प पत्र भरवाए हैं।आपका विद्यालय ऐसा था जिसकी दीवारें, खिड़कियां, बाउंड्री वॉल, तथा छतें भी विषयगत पेंटिंग जिससे बच्चे स्वत:ही देख कर सीख जाते हैं बागवानी से बच्चे पर्यावरण शिक्षा पाते हैं।