* रेड रिबन क्लब का वार्षिक अभिमुखीकरण और विश्व एड्स दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन…
रानीतराई : स्व. दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर रेड रिबन के अंतर्गत वार्षिक अभिमुखीकरण एवं सह संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ अरुण कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में किया गया । इसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, नारा लेखन प्रतियोगता, रंगोली प्रतियोगिता, एवं
एड्स जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया ।
प्रथम सत्र में रंगोली प्रतियोगिता, नारा लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता संपन्न हुई। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रेशमा साहू बीएससी प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय स्थान जिज्ञासा बीए प्रथम सेमेस्टर एवं तृतीय स्थान गीतांजलि बीकॉम प्रथम सेमेस्टर ने प्राप्त किया।
निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रिया बीकॉम तृतीय सेमेस्टर, द्वितीय स्थान पायल साहू बीकॉम प्रथम सेमेस्टर एवं तृतीय स्थान सेवती साहू बीकॉम प्रथम सेमेस्टर एवं धात्री बीकॉम प्रथम सेमेस्टर ने प्राप्त किया। नारा लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान तुलेश्वरी बीए प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय स्थान पायल बीकाम प्रथम सेमेस्टर एवं तृतीय स्थान धात्री साहू बीकॉम प्रथम सेमेस्टर ने प्राप्त किया।
द्वितीय सत्र में रेड रिबन क्लब द्वारा वार्षिक अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य वक्ता आर.के. बंजारे एवं दीपक वर्मा(आर. एच .ओ) उपस्वास्थ्य केन्द्र रानीतराई उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अतिथि व्याख्याता श्री वेणु कुमार साहू ने किया।
विशिष्ट अतिथि प्राचार्य डॉ अरुण कुमार मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा- 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य एचआईवी/एड्स से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, एचआईवी से संक्रमित लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करना और सुरक्षित प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
मुख्य वक्ता श्री आर.के बंजारे उप स्वास्थ्य केन्द्र रानीतराई ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि एड्स के लक्षण, एड्स कैसे फलता है, एड्स से बचाव के लिए कौन-कौन से सावधानियां है, आई.सी.टी. सेंटर तथा ए आर टी सेंटर के बारे में बताने का प्रयास किया। विद्यार्थियों को एड्स संबंधी जानकारी प्राप्त करने हेतु टोल फ्री नंबर 1097 के बारे में बताया गया।
वक्ता श्री दीपक वर्मा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि -आज हम सभी 1 दिसंबर – विश्व एड्स दिवस के अवसर पर यहाँ एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमें HIV/AIDS जैसी गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती के प्रति जागरूक करने और इसके प्रति सामाजिक समझ, सहानुभूति और जिम्मेदारी विकसित करने का अवसर प्रदान करता है।
विश्व एड्स दिवस की शुरुआत 1988 में हुई थी। यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए जाने वाले प्रमुख स्वास्थ्य अभियानों में से एक है। इसका उद्देश्य है : HIV/AIDS के बारे में जागरूकता फैलाना, संक्रमित लोगों के प्रति भेदभाव खत्म करना,और समाज में सुरक्षा, रोकथाम और उपचार की जानकारी देना।आज भी दुनियाभर में लाखों लोग HIV से प्रभावित हैं, और उनमें से कई लोग जानकारी व जागरूकता के अभाव में समय पर इलाज नहीं करा पाते।
कार्यक्रम प्रभारी सुश्री रेणुका वर्मा ने कहा कि– HIV/AIDS क्या है? HIV (ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा वायरस है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है।समय पर उपचार न मिलने पर यह AIDS (एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम) का रूप ले लेता है।
यह बीमारी हवा, पानी, भोजन या सामान्य स्पर्श से नहीं फैलती, लेकिन गलत धारणाओं के कारण समाज में आज भी इसका डर और भ्रम बना हुआ है। *HIV कैसे फैलता है?* HIV मुख्यतः 4 तरीकों से फैलता है—1. असुरक्षित यौन संबंध, 2. संक्रमित सुई या इंजेक्शन का उपयोग, 3. संक्रमित गर्भवती माँ से बच्चे में, 4. संक्रमित रक्त चढ़ाने से इसके अलावा HIV हाथ मिलाने, साथ बैठने, भोजन साझा करने, खाँसी-छींक या किसी सामान्य संपर्क से नहीं फैलता।
रोकथाम के उपाय : सुरक्षित यौन संबंध बनाना, संक्रमण-रहित सुई व उपकरणों का उपयोग,
रक्त चढ़ाने से पहले HIV जाँच सुनिश्चित करना,
गर्भवती महिलाओं की समय पर HIV जाँच और उपचार,
नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करना।
बचाव ही सबसे बड़ा रक्षा कवच है।
उपचार : आज HIV कोई असाध्य बीमारी नहीं रही।
ART (Antiretroviral Therapy) के माध्यम से रोगी एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है।
सरकार द्वारा कई स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क HIV जांच और उपचार उपलब्ध कराया जाता है। समय पर पता चल जाना मरीज के जीवन को सुरक्षित और सामान्य बनाता है। कलंक और भेदभाव खत्म करना, HIV/AIDS केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक समस्या भी है।
इस बीमारी से पीड़ित लोगों के साथ भेदभाव, कटुता, दूरी और गलत धारणाएँ उनके लिए बीमारी से भी बड़ी चुनौती बन जाती हैं। आभार व्यक्त श्रीमती अंबिका ठाकुर बर्मन ने किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक श्री चंदन गोस्वामी, डॉ. रेश्मी वासनीकर, सुश्री भारती गायकवाड़ , श्रीमती शगुफ्ता सिद्दीकी, अतिथि व्याख्याता श्री टीकेश्वर कुमार पाटिल, सुश्री शिखा मड़रिया, डॉ. सुनील कश्यप, डॉ.देवीलाल, कार्यालयीन स्टाफ में श्रीमती महेश्वरी निषाद, सुश्री सीमा वर्मा सहित महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही।



