*असोगा पंचायत, शराब भट्टी को स्थानांतरित करने चढ़ा रहा, तालाब और पेड़ -पौधो की बलि *
*वर्तमान में शराब भट्टी गांव से पर्याप्त दूरी पर है स्थानांतरित होने से प्रभावित होंगे तालाब और ज्यादा किसान व उनके खेत*
*गांव के लोगों ने इसे कच्ची शराब बेचने वालों के इशारे पर शासकीय शराब भट्टी को विवाद में डालने का प्रयास करार दिया*
रानीतराई : विदित हो कि असोगा में विगत 30 वर्षों से बन रहे अवैध महुआ कच्ची शराब से परेशान ग्रामवासियों ने ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा के माध्यम से गांव में शासकीय शराब दुकान खुलवाया। जिसे विफल करने कच्ची शराब विक्रेताओं द्वारा अनेक प्रयास किए। लेकिन सफल नहीं हुए और गांव से पर्याप्त दूरी पर शासकीय शराब दुकान खुला।
वही सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गांव में काफी हद तक शांति कायम हुआ। लेकिन इस बीच पंचायत चुनाव में नव निर्वाचित सरपंच और कुछ पंचों ने शराब दुकान को स्थानांतरित करके विवाद को बढ़ावा देने तथा इसके लिए तालाब को पाटने और उसमें पिछले पंचायत द्वारा शासन के योजनानुसार लगाए गए ”रतनजोत” सहित अन्य पेड़ -पौधो की बलि चढ़ा रहा है। इससे गांव में आक्रोश का माहौल है जो कभी भी पंचायत व प्रशासन के खिलाफ आंदोलन के रूप में सामने आ सकता है। अब आगे देखना यह होगा कि शासन वर्तमान जगह ही निर्विवाद शासकीय शराब दुकान को संचालित करते हैं कि स्थानांतरित करके विवाद को बढ़ावा देते हैं।