पाटन : आज शासकीय चंदूलाल चन्द्राकर महाविद्यालय पाटन के हिन्दी विभाग द्वारा प्रो. श्रीमती रूखमणी साहू विभागाध्यक्ष हिन्दी विभाग की सेवानिवृत्ति पर विदाई समारोह आयोजित किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता शासकीय चन्दू लाल चन्द्राकर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ शोभा श्रीवास्तव ने किया, ज्ञान के देवी माँ सरस्वती के पूजन अर्चना के पश्चात कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया, स्वागत समारोह के बाद एम. ए. हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों ने अपने भावनात्मक उद्बोधन के माध्यम से विदाई समारोह के वातावरण को भावविभोर कर दिया। हिंदी विभाग की ओर से प्रो. शैलेन्द्र सर, प्रो. साधना रहाटगाँवकर ने अपने विचार व्यक्त किये एवं श्रीमती साहू मैडम के साथ बिताये समय, अनुभवों को साझा किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि प्रो. श्रीमती साहू एक पेशेवर प्राध्यापक और कुशल प्रशासक के साथ-साथ इस महाविद्यालय के सबसे जिम्मेदार प्रो. रही है। आपने हमेशा एक अच्छे तरीके से सभी जिम्मेदारियों को पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभाया है। महाविद्यालय की हर कठिन परिस्थितयों में आप हमेशा मेरे साथ रहे और कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मुझे सुझाव भी दिए। आपके अंदर ईमानदारी, आत्मविश्वास, संयम, निष्ठा और लगनशीलता जैसे कई गुण है। प्रो. श्रीमती साहू ने हमेशा जीवन में अनुशासित ढंग से रही और छात्रों को भी अनुशासन में रहने की सलाह देती रही हैं, आपने छात्रो को न सिर्फ शिक्षा का ज्ञान दिया बल्कि जीवन की समस्याओं को दूर करने वाला व्यावहारिक ज्ञान भी दिया है। कड़ी मेहनत और लगन के दम पर ही उन्होंने हमारे महाविद्यालय में अपनी एक अलग पहचान बनाई है आपका जीवन दर्शन हमारे महाविद्यालय व सभी के लिए निश्चित ही प्रेरणादायक रहेगा।
महाविद्यालय कि प्रो. साधना रहाटगाँवकर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि- हमारे जीवन में एक समय ऐसा आता है, जब हमें किसी को अलविदा कहना पड़ता है। इतने सालों की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद अब आपका हमको अलविदा कहने का समय आ गया है। यह हम सबके लिए बेहद भावुक क्षण हैं, किसी भी संस्था एवं महाविद्यालय की सबसे मूल्यवान संपत्ति उसके छात्र होते है। उनके बिना आध्यापक और महाविद्यालय कुछ भी नहीं है। लेकिन एक अच्छे प्रोफेसर, अध्यापक के बिना विद्यार्थी भी कुछ नहीं है। यह दोनों एक दूसरे के लिए बहुत महत्व रखते है। जैसे विद्यार्थी के बिना प्राध्यापक अधूरा होता है, उसी प्रकार प्राध्यापक के बिना विद्यार्थी अधूरा है।
हमारे महाविद्यालय में अनुशासित, समय के पाबंद, संस्कारी और और एक जिमेदार प्रो. रही है। उन्होंने महाविद्यालय के लिए कई ऐसे काम किए, जिससे पूरे जिले, व प्रदेश में हमारे महाविद्यालय का नाम रोशन हुआ है। यह सब हमारे प्रो. साहू और अन्य प्राध्यापकों के कठिन प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है, प्रोफेसर श्रीमती साहू के साथ बिताया हुआ पल मेरे जीवन का यादगार लम्हों में से एक पल रहेगा हमारी संस्था आपको हमेशा याद रखेंगी। महाविद्यालय के प्राचार्य अध्यक्षीय उद्बोधन के पश्चात प्रो. श्रीमती रूखमणी साहू मैडम ने अपने जीवन के, पढ़ाई के, अध्यापन कार्य के अनुभवों को विद्यार्थियों से साझा किये, विदाई समारोह कार्यक्रम का सफल संचालन NSUI दुर्ग जिला के उपाध्यक्ष एवं छात्र नेता आयुष टिकरिहा ने किया।
आयुष टिकरिहा ने बताया कि आप सभी का आज के इस सुनहरे अवसर पर स्वागत है, हम सभी जानते है की, आज हम यहा हमारे प्रिय अध्यापिका श्रीमती साहू के विदाई समारोह के लिए उपस्थित हुए है इस समारोह में प्राचार्या जी व आप सभी के समक्ष मुझे अपने विचार रखने का मौका मिला, इसके लिए मैं आप सभी का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ, हम सभी के लिए यह गर्व की बात है कि, हमें प्रो. श्रीमती साहू का सानिध्य मिला। निश्चित ही आपने महाविद्यालय और छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत मेहनत की है।
आगे भी आप इसी तरह मेहनत करते रहें और सफलता की असीम ऊंचाईयों को छूते रहे। हमें आप पर और आपके कार्य पर पूर्ण विश्वास है कि आप जिस भी संस्थान से जुड़ेंगे उस संस्थान की हमेशा उन्नति होगी। आप जैसा जबरदस्त व्यक्तित्व वाला प्रोफेसर इस महाविद्यालय को मिलना बहुत मुश्किल है। आपकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण ही आप इस महाविद्यालय के अनेकों छात्र छात्त्राओं के प्रेरणास्रोत हमेशा बनी रहेंगी।
आयुष टिकरिहा ने बताया भले ही आज हमारे प्रिय साहू मैम को महाविद्यालय से विदा दे रहे हो परंतु हमारे दिल से आप कभी विदाई नहीं ले सकते। आप के साथ बिताया हुआ हर पल हमारी ज़िंदगी का सबसे यादगार पल है, जिसे हम कभी नहीं भूल पाएंगे। इसके साथ-साथ आपने इस महाविद्यालय के लिए जो महत्वपूर्ण योगदान दिया है उसे भी नहीं भुलाया जा सकता हम सभी छात्र भगवान से प्रार्थना करते है कि, आपकी आने वाली ज़िंदगी स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध रहे। आज महाविद्यालय में प्रो. साहू मैंम जी आखिरी दिन है, कल से वे अपने जीवन की एक नयी पारी की शुरुआत करेंगी। आप के साथ बिताया हुआ हर पल हमारी ज़िंदगी का सबसे यादगार पल है, जिसे हम कभी नहीं भूल पाएंगे। महाविद्यालय के सभी स्टॉफ़ कल से आपकी अनुपस्थिति को महसूस करेंगे।
विदाई समारोह के अंत में श्रीमती साहू मैंम को स्मृति चिह्न भेंटकर, उनके योगदान को याद कर धन्यवाद एव आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया , इस अवसर पर हिंदी विभाग के हितेश साहू, योगेंद्र भारती, मुकेश देवांगन, कु. विभा वर्मा, कु. जया साहू, कु. करूणा वर्मा, कु. गौरी कौशिक, कु. प्रियंका वर्मा, राशी वर्मा, सोनल निर्मल, भूपेस्वरी चेलक, कु. अंजली, सूरज, कुबेर वर्मा, कु. प्रियंका साहू, कु. प्रतिभा, कु. दीपिका मुख्य रूप से उपस्थित रहे।