सेलुद: पाटन ब्लॉक अंतर्गत आने वाले अचानकपुर ,छाटा, गोडपेंड्री, सेलुद,ढौर, चुनकट्टा, पतोरा आदि ग्राम पंचायतो में पत्थर के खदान है जहां गिट्टी खदान संचालित की जा रही है, क्रेशर के माध्यम से गिट्टी का निर्माण कार्य किया जाता है। उक्त खदानों से धूल की गुब्बारे इतना उठता है कि सीधा घरों में जाकर जम जाता है जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा पड़ रहा है। जिस पर ठेकेदारों के द्वारा किसी भी प्रकार की पर्यावरण को लेकर सकारात्मक कार्य नहीं की जा रही है जिसे धूल कम उड़े या धूल उड़े ही मत ऐसा कोई उपाय नहीं की जा रही है। और ना ही खदानों से निकलने वाले हाईवा मार्ग पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है और ना ही आसपास में वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है जिससे कि लोगों को स्वच्छ हवा से सांस लेने में सुविधा मिल सके।
आपको बता दें गोडपेंड्री से होते हुए लोहरसी पहुंच मार्ग पर कई गिट्टी की खदान संचालित है। क्रेशर से निर्माण की जा रही है लेकिन कहीं पर भी पानी का छिड़काव उस मार्ग पर देखने को नहीं मिला।और नही कहीं पर वृक्षारोपण किया गया है। मिला तो सिर्फ धूल के गुब्बारे जिससे आने-जाने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर पढ़ रहा है बुरा असर। ग्राम पंचायत से जब खदान की एनओसी दी जाती है तो पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए वृक्षारोपण का कार्य एवं सड़क मार्ग पर पानी का छिड़काव का जिक्र किया जाता है लेकिन इसका किसी भी प्रकार का कोई कार्य खदान संचालन के द्वारा नहीं की जाती। जिससे लगातार धूल के गुब्बारे उड़ने लगती है।