अमलेश्वर 04 दिसंबर : दुर्ग जिला अंतर्गत नगर पालिका परिषद अमलेश्वर के नगर वासी इन दिनों मूलभूत सुविधाओं से जूझ रही है। आपको बता दें नगर पालिका परिषद अमलेश्वर का गठन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शासनकाल में हुआ है।जिसका संचालन मनोनीत जनप्रतिनिधियों के द्वारा साल भर तक किया गया और स्वच्छ ,बेहतर करने का प्रयास किया गया।
वहीं सत्ता परिवर्तन साल भर हो जाने के बाद भी कोई बड़ा कार्य नहीं दिख रही है।आज प्रशासन के हाथ में नगर पालिका परिषद की बागडोर है जिससे लोगों को मूलभूत सुविधा सही ढंग से नहीं मिल रही है। हालांकि पालिका प्रशासन के द्वारा लोगों को बेहतर सुविधा दिलाने की दिशा में कार्य कर रही है। लेकिन जन प्रतिनिधि नहीं होने के कारण कई कार्यों पर काम अटका हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार कुछ जगह को आबादी भी घोषित करने की प्रस्ताव पारित किया गया है। जो अभी तक अधर में लटका हुआ है। जिसके कारण कई लोगों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रही है। नजूल जमीन, घास,और आबादी में घर बनाने के कारण जमीन का पट्टा नहीं है ऐसे कई गरीब लोग हैं,जिसको आवास की सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है।
वहीं कई ऐसे सैकड़ो कालोनियां है जो अवैध तरीके से निर्माण की गई है। जिसको भी वैध करने की कोई प्रक्रिया नहीं दिख रही है।जिससे वहां पर शासन की योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। मूलभूत सुविधा का अभाव अवैध कॉलोनी पर दिखाई पड़ रहा है। जिस पर भाजपा कार्यकर्ता मायूस नजर आ रहे हैं।
भाजपा कार्यकर्ता लगातार बड़े पदाधिकारी से मिलकर के नगर पालिका को बेहतर,सर्व सुविधा युक्त बनाने के लिए चर्चा कर रहे हैं, लेकिन अब ये चर्चा सफल चुनाव की बात हो पाएंगे। फिर हाल अभी नगर पालिका अमलेश्वर में किसी भी प्रकार की लोगों को सुविधा नहीं मिल पा रही है ना ही कोई सार्वजनिक मंगल भवन है और ना ही सुसज्जित बस स्टैंड का निर्माण किया गया है, और तो और लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए सर्वसुविधा युक्त अस्पताल तक नहीं है और ना ही स्वच्छता की दिशा में सर्व सुविधा युक्त एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण भी 2 साल में पालिका प्रशासन नहीं कर पाई है। कई रसूखदारों के द्वारा भी की गई है अवैध कब्जा जिस पर प्रशासन भी साधे हुए है मौन।