करन साहू, रानीतराई 05 अगस्त : राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को उज्जवल भविष्य प्रदान करेगा। यह रोजगार परक शिक्षा है। इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र स्वरोजगार प्रारंभ कर कई युवाओं को रोजगार दे सकता है। छात्र इसका लाभ लेकर कई युवाओं को विकास के पद पर जोड़ सकता है।
उपरोक्त विचार स्व. दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय में “दीक्षाराम” समारोह के मुख्य अतिथि श्री निर्मल जैन, सरपंच, रानीतराई ने व्यक्त किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. आलोक शुक्ला ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्री धनराज साहू ने कहा कि पूर्व समय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता था। आज गुरुओं के मार्गदर्शन से युवा अपने उद्देश्य प्राप्ति में सफल है। जो छात्र अभाव में शिक्षा ग्रहण करते हैं वही अपने उद्देश्य को प्राप्त करते हैं। इस अवसर पर श्री हिमाचल साहू ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र तनाव युक्त होकर अध्यापन करेंगे। शिक्षा के साथ संस्कारों का अध्ययन करना जरूरी है । इस अवसर पर पत्रकार श्री करण साहू ने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में श्री चंदन गोस्वामी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की रूपरेखा, महत्व एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाले हुए कहां की बाह्य अध्ययन विषय के बारे में अध्ययन करने से नवीन जानकारी प्राप्त होती है कला संकाय में 4 क्रेडिट होता है। एक क्रेडिट में 15 घंटे अर्थात कुल 60 घंटे होता है। इसमें 100 अंक होते हैं जिसमें सैद्धांतिक 70 और प्रयोग 30, दोनों मिलकर 40% में उत्तीर्ण होगा। श्रीमती अंबिका ठाकुर बर्मन ने वैल्यू ऐडेड कोर्स, जेनेरिक कोर्स, डिसिप्लिन स्पेसिफिक कोर्स, स्किल एनहासमेंट कोर्स के बारे में जानकारी दी। डॉ. रेश्मी माहेश्वरी ने वाणिज्य पाठ्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि कला एवं वाणिज्य संकाय से एक विषय का चयन करना है। कु. भारती गायकवाड़ ने विज्ञान के पाठ्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि इसमें 8 सेमेस्टर होंगे। प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर में प्रमाण पत्र, तृतीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर उत्तीर्ण करने पर डिप्लोमा तथा पांचवें एवं छठवें सेमेस्टर उत्तीर्ण करने पर डिग्री मिलेगा इसके साथ ही सातवें और आठवीं सेमेस्टर के साथ ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स करना है इसके पश्चात ही “आनर्स रिसर्च” की डिग्री मिलेगी।
इस अवसर पर विज्ञान संकाय की श्रीमती आराधना देवांगन में जेनेरिक कोर्स की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि तीन मुख्य विषयों के साथ जेनेरिक कोर्स का चयन करना होगा जो आपके विषय से अलग होगा। जिसमें विज्ञान संकाय वाले कला एवं वाणिज्य संकाय वाले विज्ञान एवं वाणिज्य तथा वाणिज्य संकाय वाले कला एवं विज्ञान का कोई एक विषय लेना होगा। वैल्यू एडेड कोर्सेस के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कु. रेणुका वर्मा ने जेनेरिक इलेक्टिव अथवा सामान्य वैकल्पिक विषय से संबंधित पाठ्यक्रम के आधार पर प्रथम तथा आने वाले सेमेस्टर में छात्राओं द्वारा चयन किया जाना है। छात्रों द्वारा महाविद्यालय में संचालित वैकल्पिक विषय ही चयन किया जाना है। यह विषय कुल चार क्रेडिट का विषय होगा।
कार्यक्रम मे बड़ी संख्या मे अभिभावक एवं अतिथि व्याख्याता श्री टिकेश्वर पाटिल, कु. शिखा मढ़रिया एवं कार्यालय श्री नरेश मेश्राम, श्रीमती महेश्वरी निषाद एवं सीमा वर्मा उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सिद्धिकी ने किया एवं आभार प्रदर्शन श्री चंदन गोश्वमी ने किया।