औद्योगिक घरानों की कठपुतली बनकर गौठानों का विरोध कर रहे भाजपा नेता : लाखों गौपालकों और महिला समूहों का रोजगार छीनने की कोशिश का गौपालक देंगे जवाब : राजेद्र साहू
अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो सबूत दें : मनगढ़ंत आरोप लगाना छोड़ें
दुर्ग : भाजपा के गौठान चलो अभियान को लेकर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री राजेंद्र साहू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुद्दाविहीन भाजपा नेता गौठान को मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में हजारों गांवों में गौठान बनाए गए हैं जिसमें राशि खर्च हुई है। भाजपा नेता इसमें भी घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। कहां घोटाला हुआ और कैसे घोटाला हुआ, इसका कोई सबूत भाजपा नेताओं के पास नहीं है। केवल मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं।
राजेंद्र ने कहा कि गौठानों में गोबर खरीदी हुई, जिससे लाखों गौपालकों की आमदनी बढ़ी। महिला समूह की महिलाओं को रोजगार मिला। गौठानों में गोबर से महिला समूहों ने वर्मी कम्पोस्ट, जैविक खाद, गोकाष्ठ, गोबर के दीये, गमले जैसे उत्पाद बनाकर बेचे जिससे उनकी आमदनी बढ़ी। गोबर से पेंट भी बनाया जा रहा है। गौठानों के माध्यम से हुए इन सभी कार्यों से कोरोना काल में आर्थिक रूप से टूट चुके लोगों को सहारा मिला और लोग बेहतर तरीके से अपने परिवार का पालन पोषण कर पा रहे हैं।
गौठानों में अब रीपा के माध्यम से तेलघानी, पेंट बनाने की मशीन सहित अन्य लघु उद्योग भी प्रारंभ किये जा रहे हैं, जिससे दो लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। गोबर खरीदी और इससे बनने वाले उत्पादों से किसानों, गौपालकों और मजदूरों के साथ आम जनता को आर्थिक फायदा मिल रहा है। जनकल्याण के लिए बनाई गई इस सशक्त योजना में अगर भाजपा नेताओं को भ्रष्टाचार नजर आ रहा है भाजपा नेताओं को अपने इस दृष्टिदोष का इलाज जरूर कराना चाहिए।
राजेंद्र ने कहा कि भाजपा नेता शुरू से गोबर खरीदी योजना और गोबर खाद बनाने की योजना का विरोध कर रहे हैं। गोबर खरीदी का विरोध करने वाले भाजपा नेता गौठानों का विरोध कर क्या महिला समूहों और गोबर बेचने वाले गौपालकों के अलावा रीपा में रोजगार पाने वाले का रोजगार छीनना चाहते हैं। रासायनिक खाद बनाने वाले औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं।
राजेंद्र ने कहा कि तीन काले कृषि कानून लाने का प्रयास कर भाजपा का किसान विरोधी चेहरा उजागर हुआ था। अब गौठान योजना और गोबर खरीदी योजना का विरोध करने से एक बार फिर भाजपा का किसान-गौपालक विरोधी चरित्र उजागर हो गया है। इससे पहले भाजपा ने 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का विरोध किया। किसानों की कर्जमाफी का विरोध भी किया। केंद्र की भाजपा सरकार ने सेंट्रल पूल में चावल लेना बंद कर किसानों की धान खरीदी प्रभावित करने का प्रयास किया। 20 क्विंटल धान खरीदी का लगातार विरोध करते हुए भाजपा नेताओं ने किसानों को धान तस्कर तक कह दिया। भाजपा नेताओं की कथनी और करनी से बार-बार उनका किसान विरोधी चाल चरित्र और चेहरा उजागर हो रहा है। भाजपा उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बनकर गौठान, गोबर खरीदी और किसानों के कल्याण के लिए बनी योजनाओं का विरोध कर रही है। छत्तीसगढ़ के अन्नदाता समय आने पर भाजपा के किसान विरोधी अभियानों का माकूल जवाब जरूर देंगे।