रानीतराई कालेज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संगोष्ठी संपन्न

रानीतराई 09 मार्च :  स्व.दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में संपन्न किया गया। यह कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई’ और ‘महिला उत्पीड़न समिति की संयुक्त तत्वाधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुभारंभ सरस्वती माता के छाया चित्रों पर पुष्पार्पण तथा दीप प्रज्वलन से हुआ।

 इंस्टाग्राम से जुड़े 

कार्यक्रम का संचालन सुश्री भारती गायकवाड ने किया। सुश्री भारती गायकवाड ने कार्यक्रम को संचालित करते हुई कहा की- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के 8 मार्च को महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह दिवस सिर्फ उत्सव का नहीं, बल्कि महिलाओं के संघर्ष, त्याग और उनकी सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों को पहचानने का दिन है। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि समाज में महिला-पुरुष समानता सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक आवश्यक पहलू है जो संपूर्ण मानवता की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।

 फेसबुक से जुड़े 

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा- महिलाएं हमारे समाज की रीढ़ हैं। वे हमारे परिवारों को संभालती हैं, हमारे बच्चों को पालती हैं और हमारे समाज को मजबूत बनाती हैं। लेकिन फिर भी, महिलाओं को आज भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।उन्हें आज भी लिंग भेदभाव का सामना करना पड़ता है, उन्हें आज भी शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित किया जाता है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महिलाएं हमारे समाज की सबसे बड़ी ताकत हैं। भारत के प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल के समय साहस, शौर्य, सहनशीलता एवं शांति का परिचय दिया।

महाविद्यालय की अर्थशास्त्र के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक श्री चंदन गोस्वामी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा-अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में अमेरिका में महिलाओं द्वारा बेहतर कार्य स्थितियों और मतदान के अधिकार की मांग से हुई। 1910 में, क्लारा जेटकिन नामक समाजवादी नेता ने इसे एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया। 1911 में यह पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में मनाया गया, और 1977 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे आधिकारिक मान्यता दी। वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष एवं महिला उत्पीडन समिति के संयोजक डॉ. रेश्मी महेश्वर ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा -आज महिलाएं राजनीति, विज्ञान, खेल, कला, व्यवसाय और हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। कल्पना चावला, किरण बेदी, मैरी कॉम, इंदिरा गांधी, सानिया मिर्जा, लता मंगेशकर, सावित्रीबाई फुले जैसी अनगिनत महिलाओं ने अपनी मेहनत और लगन से इतिहास रचा है। हालांकि, आज भी महिलाएं लैंगिक भेदभाव, शिक्षा की असमानता, वेतन असमानता, घरेलू हिंसा और सामाजिक बंधनों जैसी चुनौतियों का सामना कर रही हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए हमें लैंगिक समानता को बढ़ावा देना होगा। महिलाओं की शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी होगी।

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी सुश्री रेणुका वर्मा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा-“यत्र नार्रस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता” अर्थात जहां महिला की पूजा होती है वहा देवता निवास करते हैं। पूजा का अर्थ सम्मान से है, तात्पर्य यह है कि जहां महिला का सम्मान होता है वहां सुख समृद्धि का वास होता है। महिला से घर परिवार समाज बनता है और देश तरक्की करता है।

अतिथि व्याख्याता श्री दानेश्वर प्रसाद ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा महिलाओं के लिए कानूनी अधिकारों और सुरक्षा को सशक्त करना होगा। महिला सशक्तिकरण सिर्फ महिलाओं का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे समाज की प्रगति का आधार है। यदि हम एक बेहतर और समान भविष्य चाहते हैं, तो हमें महिलाओं को समान अवसर, सम्मान और अधिकार देने होंगे।
अतिथि व्याख्याता श्री वेणु कुमार साहू ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि – महिलाएं स्वतंत्रता प्रत्येक समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है जिनकी संख्या पुरुषों के समान ही है जहां तक भारतीय समाज का प्रश्न है स्त्रियों की स्थिति काफी उच्च रही है। हिंदू समाज में पुरुष के अभाव में स्त्री को स्त्री के अभाव में पुरुषों को अर्धांगिनी कहा गया है महिलाएं शहरों तथा गांव में घर की चार दिवारी से बाहर निकाल कर आर्थिक दृष्टि से उपार्जन का कार्य करने लगी है। महिलाओं के स्थिति ऋगवैदिक काल, उत्तर वैदिक काल, मध्ययुगीन काल, ईसा के पश्चात काल आदि के कालों में देखने को मिलता है। आज इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम सभी संकल्प लें कि हम लैंगिक समानता को बढ़ावा देंगे, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेंगे और एक बेहतर समाज का निर्माण करेंगे। इस कार्यक्रम के अवसर पर महाविद्यालय के तृतीय श्रेणी के कर्मचारी सुश्री सीमा वर्मा (कम्प्यूटर कर्मी) एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी श्रीमती निर्मला(सफाई कर्मी) को श्रीफल एवं राशि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया दिखाया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक शगुफ्ता सिद्दीकी, अंबिका ठाकुर बर्मन, आराधना देवांगन, अतिथि व्याख्याता में टीकेश्वर कुमार पाटिल, शिखा मडरिया एवं महाविद्यालय के बीए, बीएससी, बीकॉम द्वितीय सेमेस्टर के समस्त छात्र-छात्राएं अधिक संख्या में उपस्थित थे।

विज्ञापन 

नगर पंचायत पाटन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष योगेश निक्की भाले 13 मार्च को लेंगे शपथ

पाटन 11 मार्च : दुर्ग जिला अंतर्गत नगर पंचायत पाटन में नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षद गण का शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन 13 मार्च...

सेलुद के युवा धरती के श्रृंगार करने में जुटे है,अपने जन्मदिन पर लगाते है एक पौधा हरियाली को बढाने के लिए

सेलुद 11मार्च : पाटन विधानसभा के ग्राम सेलुद के युवाओं ने धरती का श्रृंगार करने की अनोखी योजना बनाई ।सभी अपने जन्मदिन पर एक...
रिपोर्टर - करन साहू (पाटन के गोठ)
रिपोर्टर - करन साहू (पाटन के गोठ)
करन साहू रिपोर्टर - पाटन "के गोठ (PKG NEWS) Powerd By "Chhattisgarh 24 News" Group Of multimedia Pvt. Ltd.
पाटन क्षेत्र की खबरे

ताज़ा खबरे

error: पाटन के गोठ (PKG NEWS) के न्यूज़ को कॉपी करना अपराध है