सेलुद: पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सबसे बड़े ग्राम सेलुद में ऐतिहासिक 78 जोड़ा का मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक आदर्श विवाह का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग पाटन एवं जामगांव एम के तत्वाधान में 14 फरवरी को किया गया। आपको बता दें लगभग 84 जोड़ा का शादी होना था लेकिन किसी कारणवश 6 जोड़ा मंडप तक नहीं पहुंच पाए जिसके कारण 78 जोड़ा का विवाह हिंदू रीति रिवाज के साथ संपन्न कराया गया।
मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के इस मंडप में वर वधु के साथ 20 लोगों का आना सुनिश्चित किया गया था लेकिन जोड़ा के साथ बाराती के रूप में 20 से ज्यादा लोग पहुंच गए। लगभग 5000 आदमी का आगमन हुआ। खाना का व्यवस्था लगभग 2000 आदमी का किया गया था। लेकिन खाना खाया लगभग तीन साढे तीन हजार आदमी ऐसा विभाग का कहना है। विभाग का यह भी कहना है खाने की व्यवस्था थी लेकिन भीड़ की वजह से भी कई लोगों को खाना नहीं मिल पाया बाद में शाम को सभी लोग आराम से खाना खाएं और खाना बच भी गया। लेकिन बाकी लोगो का विभाग द्वारा खाने पीने की व्यवस्था नहीं नही की गई थी। जिसकी चर्चा पंडाल में लोगों के बीच होती रही वहीं कुछ लोग मंच तक भी पहुंच गए हैं खाने की व्यवस्था को लेकर कुछ लोगों ने तो जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत की खाने की व्यवस्था सही ढंग से नहीं हो पाया है।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना अंतर्गत प्रत्येक जोड़ा के लिए ₹50000 की राशि स्वीकृत की गई है जिसके तहत ₹21000 नगद एवं ₹21000 की सामान दिए जाना है एवं शेष राशि से मंडप की व्यवस्था शादी में लगने वाली सामग्री की व्यवस्था एवं खाने पीने की व्यवस्था की जानी है लेकिन कार्यक्रम में खाने की व्यवस्था उपस्थित जोड़े के परिजनों के लिए नहीं हो पाया जिसको लेकर लोगों में नाराजगी देखी गई।
इस विषय में पाटन के गोठ रिपोर्टर करन साहू ने परियोजना अधिकारी सुमित गांडेचा से चर्चा की तो उसने बताया कि लगभग 2000 आदमी की खाना की व्यवस्था की गई थी। जोड़ा के साथ 20 लोगों का आना था लेकिन 20 से ज्यादा लोग आए कई जगह तो बस से भी आए जिससे ज्यादा भीड़ हो गई लगभग 5000 के आसपास लोग पहुंच गए हैं। जिससे व्यवस्था में हमें दिक्कत का सामना करना पड़ा और भीड़ के वजह से लोगों को खाना नहीं मिल पाया वैसे खाना पर्याप्त तथा लेकिन लोग भीड़ के कारण भोजन नहीं ले पाए। मेरे पास भी कई लोग आए हैं भोजन की व्यवस्था को लेकर। लेकिन भीड़ की वजह से उन्हें व्यवस्था नहीं हो पाया। कई लोग खाना खाए बगैर चले गए जिसका मुझे भी अफसोस है परियोजना अधिकारी पाटन।