रानीतराई 27 नवंबर : स्व. दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत संविधान दिवस कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर तथा स्वामी विवेकानंद जी तथा सरस्वती माता के चित्रों पर पुष्पार्पण, दीप प्रज्वलन तथा सरस्वती वंदन से हुआ। कार्यक्रम में राजकीय गीत “अरपा पैरी के धार” गीत गाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम प्रभारी सुश्री रेणुका वर्मा के द्वारा मंच संचालन किया गया।
प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित कर कहा – संविधान के उद्देश्य हम सभी व्यक्ति को जागरूक करना है। संविधान हमको ज्ञान देता है। ज्ञान दो प्रकार के होते है – सैद्धांतिक ज्ञान तथा व्यवहारिक ज्ञान। जहां ज्ञान है, वहां सम्मान है। जहां सम्मान है, वहां भगवान है। आप सभी के लिए दो चीजें आवश्यक है, धैर्य और समय। जिसके पास संकट आता है ईश्वर उसका निराकरण कर लेता है। धैर्य और समय की प्रतीक्षा करना सीखना होगा।
डॉ. आलोक शुक्ला वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक ने कहा -भारतीय संविधान विश्व का सबसे वृहद संविधान है। 26 नवंबर 2015 को केंद्र सरकार ने पूरे देश में शैक्षणिक संस्थानों में “संविधान दिवस” आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। भारतीय संविधान में हम अपने अधिकारों और मूल कर्तव्य को नहीं जानेंगे तब तक हमारा विकास नहीं हो सकता।
श्री चंदन गोस्वामी ने कहा- किसी भी देश का निर्धारण उस देश की समानता से होते है। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान आदि में समानता है। भारत देश में अनेक जाति, धर्म, भाषा, संप्रदाय, संस्कृति, वेशभूषा, खान पान, रहन-सहन अनेक समूह में बंटे हुए थे। भारत अनेकता में एकता या विविधता वाला राष्ट्र है। मौलिक अधिकार के अंतर्गत समानता का अधिकार पहले है। 75 वर्षों से से हम निरंतर प्रगति कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
अतिथि व्याख्याता श्री टीकेश्वर कुमार पाटिल ने कहा- आज हम 75 वा संविधान दिवस मना रहे हैं। आज ही के दिन 26 नंबर 1949 को हमारा संविधान बनकर तैयार हुआ। इसको बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा। संविधान निर्माण में 299 सदस्य थे, जिसमें से 15 महिला सदस्य भी शामिल है। संविधान निर्माण में 106 बैठके, 12 अधिवेशन, 6 करोड़ 40 लाख रुपए लगभग खर्च, 284 सदस्यों में हस्ताक्षर, 5300 व्यक्ति ने बनते हुए देखा। संविधान के किताब में कुल शब्दों की संख्या 1,17,369, कुल पेज 234 और संविधान कि किताब की वजन 23 किलोग्राम है।
बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र दुर्गेश कुमार वर्मा ने कहा – संविधान के मसौदे के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्यों के बारे में बताया।
कार्यक्रम में आभार व्यक्त – सुश्री भारती गायकवाड़ ने किया।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त सहायक प्राध्यापक श्रीमती अंबिका ठाकुर वर्मा, श्रीमती आराधना देवांगन, अतिथि व्याख्याता में सुश्री शिखा मड़रिया, डॉ दीपा बाईन, श्री दानेश्वर प्रसाद कार्यालय कर्मचारी में श्री नरेश मेश्राम, श्रीमती महेश्वरी निषाद, सुश्री सीमा वर्मा, श्री प्रियेश, श्रीमती निर्मला एवं महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं अधिक संख्या में उपस्थित थे।